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केंद्र सरकार की पहल से हर राज्य में किसानों को खरीफ बीज उपलब्ध कराया जाएगा

केंद्र सरकार की पहल से हर राज्य में किसानों को खरीफ बीज उपलब्ध कराया जाएगा

मौसम विभाग द्वारा मई माह में भारत के अंदर अलनीनो प्रभाव की आशंका जताई है। इससे विभिन्न स्थानों पर अत्यधिक बारिश तो कहीं सूखे की स्थिति बन सकती है। किसानों को सतर्क रहना बेहद आवश्यक है। रबी सीजन की फसल कटकर मंडी में पहुंच चुकी है। थोड़ी-बहुत जो फसल बच गई है। उसका कटान निरंतर चालू है। ऐसी स्थिति में किसानों ने हाल ही में खरीफ सीजन को लेकर तैयारियां चालू कर दी हैं। साथ ही, खेतों में बीजों की उपलब्धता एवं बुवाई से जुड़े सभी मामलों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर से कवायद की जा रही है। ताकि खेतों में बुवाई से संबंधित किसी प्रकार का संकट न खड़ा हो सके।

देश में अलनीनो का क्या असर हो सकता है

साथ ही, इस वर्ष भारत में अलनीनो का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। प्रशांत महासागर में पेरू के समीप समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है। इसको हम ऐसे समझ सकते हैं, कि समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो परिवर्तन देखने को मिलते हैं। उस समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है। सामान्य परिवर्तन होता है, तो समुद्र के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक वृद्धि होती है। वहीं ज्यादा अल नीनो का असर दिखता है, तो तापमान 4-5 डिग्री या इससे और ज्यादा बढ़ सकता है। अल नीनो का प्रभाव विश्व भर में देखने को मिलता है। इससे बहुत सारे स्थानों पर सूखा, लू जैसी परिस्थितियां तो विभिन्न जगहों पर बारिश होने का अनुमान ज्यादा होता है। ये भी पढ़े: जानें इस साल मानसून कैसा रहने वाला है, किसानों के लिए फायदेमंद रहेगा या नुकसानदायक

किसानों को खरीफ बीज मुहैय्या कराया जाएगा

केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि मौसम की वजह से होने वाली प्रतिकूल परिस्थिति को लेकर राज्य सरकार हर स्तर पर तैयार रहें। कम बारिश होने की स्थिति में राज्यों में कृषकों के लिए बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। बतादें, कि राज्यों में बीज की उपलब्धता देखने, सिंचाई का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है। इसी के आधार पर किसानों की सहायता की जा सकेगी।

कृषकों की आय में वृद्धि करने पर बल दिया जाए

खरीफ बुवाई सत्र 2023-24 को लेकर केंद्र सरकार तैयारी कर रही है। इसको लेकर हाल ही में एक सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यों को कृषि क्षेत्र में कच्चे माल की लागत में कटौती, उत्पादन और किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन दिया जाए। किसानों को गारंटीशुदा फायदे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
सिंचाई समस्या पर राज्य सरकार का प्रहार, इस योजना के तहत 80% प्रतिशत अनुदान देगी सरकार

सिंचाई समस्या पर राज्य सरकार का प्रहार, इस योजना के तहत 80% प्रतिशत अनुदान देगी सरकार

बिहार सरकार की तरफ से सामूहिक नलकूप योजना के अंतर्गत कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। इसका मतलब यह है, कि सामूहिक नलकूप स्थापित करने के लिए सरकार राज्य के किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां पर कुछ जनपद बारिश की वजह से प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं। इन जनपदों में ज्यादा बारिश होने से फसलें चौपट हो जाती हैं। साथ ही, कुछ जनपद ऐसे भी हैं, जहां पर जल की समस्या सदैव बनी रहती है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को सिंचाई करने के लिए ट्यूबवेल की सहायता लेनी पड़ती है। परंतु, अब इन जनपदों में किसानों को चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार द्वारा सिंचाई की परेशानी को दूर करने के लिए सामूहिक नलकूप योजना जारी की गई है। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है।

बिहार के इन जिलों को वर्षा के समय बाढ़ का सामना करना पड़ता है

दरअसल, उत्तरी बिहार के विभिन्न जनपद प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इससे खेतों में खड़ी फसल बाढ़ के पानी के साथ बह जाती है, जिससे किसान भाइयों को करोड़ों रुपये की हानि होती है। साथ ही, दक्षिणी बिहार के गया, जहानाबाद, औरंगाबाद और नवादा समेत विभिन्न जनपदों में उत्तरी बिहार के तुलनात्मक कम बरसात होती है। इससे इन जनपदों में रबी के साथ- साथ खरीफ फसल के दौरान भी जल की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में किसान फसलों की वक्त पर सिंचाई नहीं कर पाते हैं।

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किसानों को बिहार सरकार दे रही अच्छा-खासा अनुदान

बिहार राज्य के अंदर सिंचाई के साधनों हेतु जूझ रहे कृषकों के लिए एक खुशखबरी है। बिहार सरकार की तरफ से सामूहिक नलकूप योजना के अंतर्गत किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान देने का ऐलान किया गया है। इसका अर्थ यह है, कि सामूहिक नलकूप की स्थापना करने पर किसान भाइयों को सरकार से 80 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। अब ऐसी स्थिति में किसान भाई समूह बनाकर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।

पानी से जुड़ी समस्या पर सरकार का प्रहार

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य में सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन देने के लिए इस योजना को जारी किया है। सरकार का यह मानना है, कि इस विधि से सिंचाई करने पर जल की काफी बचत होगी और पौधों को भरपूर मात्रा में जल मिल सकेगा। अब ऐसे में जो किसान भाई ड्रिप इरिगेशन एवं मिनी स्प्रिंकलर विधि द्वारा अपनी फसल की सिंचाई करना चाहते हैं, वह समूह बनाकर अनुदान का लाभ उठा सकते हैं।

आवेदन कर योजना का लाभ उठाएं

किसान भाई अनुदान से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो वह कृषि विभाग की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। साथ ही, अनुदान का लाभ उठाने वाले समूह उद्यान निदेशालय की वेबसाइट http://www.horticulture.gov.in पर जाकर आवेदन भी कर सकते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई पीएम किसान उड़ान योजना

केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई पीएम किसान उड़ान योजना

पीएम किसान उड़ान योजना के अंतर्गत किसान अपने कृषि उत्पादों को देश-विदेश में निर्यात कर सकते हैं। इसके लिए किसानों से कोई शुल्क भी नहीं बसूला जाता। ट्रांस्पोर्टेशन के लिए ज्यादातर काम टैक्स फ्री हो जाते हैं। यह बिल्कुल, किसान रेल की तरह है। जहां ट्रेन परिवहन के माध्यम से संपूर्ण भारत में फल, सब्जियां, दूध और अन्य कृषि उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। खेती-किसानी से संबंधित कार्यों में कृषकों की सहायता के लिए केंद्र सरकार विभिन्न कृषि योजनाऐं चला रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी, लोन और बीमा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि वे बेहतर ढ़ंग से कृषि कार्य कर सकें। खेती में कृषकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उनकी फसल होती है। 

किसानों का सब कुछ उनकी फसल पर ही निर्भर होता है। यदि फसल बर्बाद हो जाए, तो इससे कृषकों को काफी हानि होती है। खासकर वो फसलें जो कटाई के बाद जल्द खराब हो जाती हैं। किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक विशेष योजना चलाई गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को उनके कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए हवाई ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, पीएम किसान उड़ान योजना या कृषि उड़ान योजना की।

किसान उड़ान योजना क्या है ?

कृषि उड़ान योजना के अंतर्गत किसान अपने कृषि उत्पादों को देश-विदेश में निर्यात कर सकते हैं। इसके लिए किसानों से कोई चार्ज भी नहीं लिया जाता। ट्रांपोर्टेशन के लिए अधिकांश काम टैक्स फ्री हो जाते हैं। यह बिल्कुल, किसान रेल की तरह है। जहां ट्रेन परिवहन के माध्यम से पूरे देश में फल, सब्जियां, दूध और अन्य कृषि उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। परंतु, कृषि उड़ान योजना द्वारा शीघ्र नष्ट होने वाले और कमसुविधित किसान उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है। कृषि उड़ान योजना के तहत देश में 50 से अधिक हवाई अड्डे कृषि उत्पादों के वायु परिवहन के लिए जोड़ा गया है।

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जानिए किन-किन एयरपोर्ट्स पर सुविधा मिल रही है 

पीएम किसान उड़ान योजना के अंतर्गत, फूल, फल, सब्जी, डेयरी समेत कम अवधि वाले कृषि उत्पादों को देश और विदेशों में निर्यात करने का सुविधाजनक व्यवस्था है। इस प्रकार, उत्पादों को फ्लाइट के जरिए से त्वरित रूप से पहुंचाया जाता है, जिससे उत्पाद वक्त पर बाजार तक पहुंच सकते हैं। इससे किसानों को उचित मूल्य भी मिल सकता है। भारत का कोई भी किसान इस योजना का फायदा उठा सकता है। साल 2020 के बाद से ही इस योजना के अंतर्गत 53 से ज्यादा हवाई अड्डों को जोड़ा गया है। यह योजना मुख्यत: पहाड़ी क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों से कृषि उत्पादों के परिवहन पर ध्यान केंद्रित करती है। क्योंकि, इन क्षेत्रों में सड़क परिवहन बेहद कठिन होता है। उत्पाद समय पर बाजार तक नहीं पहुंचने की वजह से खराब भी हो जाता है। इस प्रकार, कृषि उड़ान सेवा लेकर यह काम कुछ घंटों में पूरा हो जाता है।